प्रिय अंतर्वासनास्टोरी के
पाठकों.. मैं आज
आपको मेरे ज़िंदगी
की एक सच्ची
कहानी बताने जा
रहा हूँ। क्योंकि
ये मेरी पहली
कहानी है.. इसलिए
अगर कोई ग़लती
हो जाए… तो
मुझे माफ़ कर
दीजिएगा।
इस घटना
की शुरुआत 3 महीने
पहले हुई थी..
तब मेरी छुट्टियाँ
चल रही थीं।
हमारे घर के
पास एक आंटी
रहती हैं जिनका
नाम सानिया (नाम
बदला हुआ) है..
वो तकरीबन 35 साल
की थीं। वो
एक ऐसा मस्त
माल हैं कि
उनका फिगर देख
कर किसी का
भी लंड उठ
जाए.. उनके जिस्म
का कटाव 38-30-38 है।
उनके पति की
उम्र 45 साल है।
सानिया आंटी का
घर मेरे घर
से बस लगा
हुआ ही है..
सानिया आंटी को
मोबाइल और कंप्यूटर
के बारे में
कुछ नहीं आता
था.. पर वो
अमीर परिवार से
सम्बंध रखती हैं..
इसलिए उनके पास
महंगे मोबाइल और
कंप्यूटर हैं।
क्योंकि उनको मोबाइल
के बारे में
कुछ नहीं आता..
और जब कभी
भी उनके मोबाइल
में या कंप्यूटर
में कुछ परेशानी
आ रही होती
है तो.. वो
मुझे अपने घर
बुलाती हैं।
एक दिन
जब उनका मोबाइल
हैंग हो रहा
था.. तब हमेशा
की तरह उन्होंने
मुझे फ़ोन लगाया..
मैं उनके घर
चला गया। जब
मैंने उनका मोबाइल
देखा तो मुझे
मालूम हो गया
कि इन्होंने मोबाइल
में ज़्यादा फाइल्स
डाल दी हैं।
मैंने आंटी से
कहा- आंटी मोबाइल
में से कुछ
फाइल्स डिलीट करनी होगीं।
तो उन्होंने
मुझे कंप्यूटर ऑन
करके दिया और
मोबाइल की डेटा
केबल दे दी..
उसके बाद वो
खाना बनाने चली
गईं।
फिर मैंने
उनका मोबाइल कनेक्ट
किया और कुछ
गाने डिलीट किए।
फिर मैं उनकी
फाइल्स में झाँकने
लगा तभी मेरा
सिर घूम गया।
मैंने देखा कि
उनके निजी फोल्डर
में उनकी कुछ
फोटो थीं.. जिनमे
वो सिर्फ़ ब्रा
और पैन्टी में
थीं। तब मेरे
दिमाग़ में एक
ख्याल आया और
मैंने वो फोटो
अपने मोबाइल में
ले लीं और
उनके मोबाइल में
से डिलीट कर
दीं।
फिर कुछ
दिन ऐसे ही
निकल गए.. इस
दौरान मैं कई
बार उनके घर
जाता रहा।
एक दिन
मेरे बुआ के
घर कुछ फंक्शन
होने के कारण..
हमारे पूरे परिवार
को सात दिनों
के लिए पूना
जाना पड़ा.. पर
मैं वहाँ बोर
हो जाता.. इसलिए
मैं ज़िद करके
घर पर ही
रुक गया।
मेरी मम्मी
ने कहा- दिन
भर तो ठीक
है.. पर रात
को सोने के
लिए सानिया आंटी
के घर चले
जाना..
कहकर वो
सब पूना के
लिए निकल गए।
फिर रात
को मैं सानिया
आंटी के घर
गया.. तो उन्होंने
मुझे खाना खिलाया
और उनके बेडरूम
के पास का
वाला कमरा मुझे
दे दिया.. क्योंकि
मुझे देर रात
तक मोबाइल पर
मूवीज देखना पसंद
है.. इसलिए मैं
अपने दोस्त के
पास से कुछ
नई मूवीज और
कुछ सेक्सी मूवीज
लाया था.. तो
मैंने हेडफोन लगाकर
मूवीज देखने लगा।
मैं फिल्म
देखने लगा तो
मेरा 5″ लंबा हथियार
खड़ा हो गया
और नाइट पैन्ट
में तंबू बनाने
लगा। मैंने उस
पर ध्यान ना
देते हुए मैं
वैसे ही फिल्म
देखने लगा और
रात में करीब
3 बजे सो गया।
अगले दिन
सुबह जब मैं
उठा.. तब मैंने
देखा तो आंटी
मेरे मोबाइल का
लॉक खोलने की
कोशिश कर रही
थीं।
मैंने जब उनसे
पूछा तो उन्होंने
बात को टालते
हुए मुझे नहाकर
नाश्ता करने के
लिए कहा।
मुझे ये
सब खटका.. तो
मैंने नाश्ता करने
के बाद मैंने
उनसे फिर पूछा..
उन्होंने कुछ नहीं
बताया और मुझे
मोबाइल का लॉक
खोलकर देने को
कहा।
तो मैंने
वैसे ही किया..
मुझे लगा कि
उन्होंने मोबाइल गेम खेलने
के लिए लिया
होगा। ये सोच
कर में बाहर
चला गया.. पर
मुझे बाद में
याद आया कि
मोबाइल में कुछ
सेक्सी मूवी भी
हैं।
फिर मैं
एक घंटे बाद
वापस आया तो
मैंने देखा कि
आंटी का मूड
थोड़ा खराब लग
रहा था।
मैंने पूछ लिया-
क्या हुआ?
तो उन्होंने
मेरा कान पकड़ा
और कहा- तुम
ऐसी गंदी मूवी
देखते हो?
मैं डर
गया और उनसे
माफी माँगने लगा
तो उन्होंने ‘ठीक
है’ कहकर मुझे
छोड़ दिया।
मैं इतने
में कहाँ सुधरने
वाला था.. मैंने
फिर से नई
फ़िल्में भर लाया
और शाम का
इन्तजार करने लगा..
पर शाम को
जब मैंने अंकल
को घर में
ना पाकर आंटी
को पूछा।
तब उन्होंने
बताया- अंकल को
किसी काम से
6 दिन के लिए
दूसरे शहर जाना
पड़ा है।
फिर रात
का खाना खाकर
मैं फिर से
मूवी देखने लगा
और मेरा 5 इंच
लंबा हथियार फिर
से पैन्ट में
तंबू बनाने लगा।
इस वक्त
रात के डेढ़
बज रहे थे..
तभी मेरे कमरे
के दरवाजे पर
‘खटखट’ सुनाई दी।
आवाज़ सुनकर मैं
घबरा गया फिर
खुद को संभालते
हुए मैंने जाकर
दरवाज़ा खोला तो
देखा कि आंटी
दरवाजे पर थीं।
मैंने उनसे पूछा-
क्या काम है?
तो उन्होंने
मेरे हथियार की
तरफ ऊँगली दिखा
कर कहने लगीं-
क्या कर रहे
थे तुम.. और
अब तुम्हारी खैर
नहीं.. अब मैं
तुम्हारे मम्मी-पापा को
सब बता दूँगी
कि तुम वैसी
गंदी मूवी देखते
हो।
तो मैं
घबरा गया और
मेरे मुँह से
निकल गया- अगर
आपने मेरे मम्मी
पापा को कुछ
बताया तो मैं
आपकी ब्रा-पैन्टी
की फोटो नेट
पर डाल दूँगा।
यह सुन
कर वो चौंक
गईं और मुझसे
कहने लगीं- कौन
सी फोटो?
तो मैंने
उन्हें बताया कि मुझे
वो फोटो कैसे
मिलीं। यह जानकर
वो वापिस चली
गईं। फिर कुछ
देर बाद आंटी
के कमरे से
उनके रोने की
आवाज़ आई तो
मैं उनके कमरे
में चला गया..
तो वो मुझे
देख कर और
भी रोने लगीं।
मैं उनके
पास जाकर उन्हें
चुप कराने लगा..
तो वो मुझसे
कहने लगीं- मैं
तुम्हारे मम्मी-पापा को
कुछ नहीं बताऊँगी..
मैंने भी कहा-
मैं भी आपकी
उन तस्वीरों के
बारे में किसी
को नहीं बताउँगा।
तब वो
और भी रोने
लगीं.. तब मैंने
रोने का कारण
पूछा.. तो उन्होंने
जो बताया वो
सुनकर मैं पूरी
तरह से चौंक
गया।
उन्होंने कहा- अंकल
का अफेयर किसी
और के साथ
चल रहा है।
तो मैंने
पूछा- तो इसमें
रोने से क्या
होने वाला है?
तब उन्होंने
बताया- इस वजह
से वो मुझे
वो सुख नहीं
देते हैं।
वो अचानक
मुझसे लिपटकर रोने
लगीं। कुछ देर
बाद जब वो
थोड़ी शांत हुईं
तो वो कुछ
बड़बड़ा रही थीं।
‘अगर वो
अफेयर कर सकते
हैं तो मैं
क्यूँ नहीं..’
चाची की
चुदास
वो मेरी
तरफ देखने लगीं
और मुझसे कहने
लगीं- अब तुम्हें
ही मुझे वो
सुख देना होगा..
जो तुम्हारे अंकल
नहीं दे पाते
हैं।
मैं उनसे
कहने लगा- मैं
तो अंकल के
मुक़ाबले में आधी
उम्र का भी
नहीं हूँ।
तो आंटी
ने अपना हाथ
मेरे लन्ड पर
रखा और कहने
लगीं- यह किस
काम आएगा?
यह कहानी
आप अन्तर्वासनास्टोरी पर पढ़
रहे हैं !
वो मेरे
लन्ड को सहलाने
लगीं.. इससे मैं
भी गरम हो
गया।
ये देख
कर आंटी ने
और वक़्त ना
गंवाते हुए मेरे
सारे कपड़े उतार
दिए और मेरे
5″ के लन्ड को
हाथ में लेकर
सहलाने लगीं।
उन्होंने पाँच मिनट
वैसे ही किया
और फिर में
झड़ गया..
फिर वो
अपने कपड़े उतारने
लगीं.. तो मैंने
उन्हें रोका और
कहा- तेरे तो
कपड़े आज मैं
ही फाड़ूँगा..
तो वो
कहने लगी- तू
आज जो चाहे..
वो कर.. पर
कुछ भी तो
करके मुझे वो
अनमोल सुख दे
दे।
इस पर
मैं उन्हें बेतहाशा
चूमने लगा और
एक-एक करके
उनके कपड़ों को
हटा कर उन्हें
ब्रा और पैन्टी
में ले आया।
सच कह रहा
हूँ दोस्तों.. वो
उन तस्वीरों से
भी ज़्यादा सेक्सी
लग रही थी।
फिर मैं ब्रा
के ऊपर से
ही उनके 38 नाप
के मम्मे दबाने
लगा।
‘आह.. आह..
ओह… ओ.. और..
ज़ोर से.. और…
ज़ोर से… दबा..
आज.. निचोड़ लो..
इनको..’ वो ऐसे
ही कहे जा
रही थीं।
ये आवाजें
सुन कर मुझे
और ज़ोश आ
रहा था और
मैं और जोर
से उनके चूचे
दबा रहा था।
करीब 5 मिनट उनके
चूचे दबाने के
बाद मैंने उनके
शरीर पर से
ब्रा और पैन्टी
भी उतार दी।
मैं आज पहली
बार किसी नंगी
औरत को इतने
करीब से देख
रहा था।
फिर आंटी
मुझसे कहने लगीं-
मेरी चूत में
ऊँगली करो।
तो मैं
वैसे ही उनके
चूत में दस
मिनट तक ऊँगली
करता रहा.. इससे
उनका शरीर अकड़ने
लगा और वो
झड़ गईं।
वो मुझसे
कहने लगीं- जानू
अब मत तड़पाओ
और मुझे चोद
दो..
बस इतना
सुनकर मैंने लन्ड
के सुपारे को
उनके चूत पर
रखा और एक
ज़ोरदार धक्का लगाया.. आधे
से भी ज़्यादा
लन्ड उनकी चूत
में समा गया।
फिर मैंने
एक और धक्का
मारा.. तो इस
बार लन्ड पूरी
तरह अन्दर तक
चला गया।
फिर मैंने
धक्के लगाने शुरू
किए.. सच कह
रहा हूँ दोस्तों..
मैं ऐसा अनुभव
कर रहा था
कि उन्हें शब्दों
में बयाँ नहीं
कर सकता.. क्योंकि
मेरा पहली बार
था.. इसलिए मैं
पाँच मिनट में
ही झड़ गया
और आंटी के
ऊपर लेट गया।
तो आंटी
ने मुझे चूमते
हुए पूछा- क्या
तुमने आज पहली
बार चुदाई की
है?
तो मैंने
‘हाँ’ में जवाब
दिया।
आंटी ने
कहा- फिकर मत
कर.. तुझसे रोज
चुदवा कर तुझे
पक्का चोदू बना
दूँगी।
फिर आंटी
मुझे चूमने लगीं
और फिर नीचे
झुक कर मेरे
लन्ड को चूसने
लगीं.. इससे मुझे
बहुत मज़ा आ
रहा था। आंटी
ने लगभग पाँच
मिनट तक लवड़ा
चूसा.. तो मेरा
लन्ड फिर से
खड़ा हो गया।
फिर मैंने आंटी
की फिर से
चुदाई की.. पर
इस बार मैं
तकरीबन 25 मिनट तक
आंटी को चोदता
रहा।
इस तरह
मैं वहाँ 6 दिन
और रुका और
इन दिनों में
मेरे पास सिर्फ़
तीन ही काम
थे। वो ये
कि खाना.. सोना..
और आंटी को
चोदना..
इसके बाद
भी मैं आंटी
को जब भी
मौका मिलता.. तो
चोद देता।
फिर दो
महीने बार अंकल
का ट्रांसफर हैदराबाद
हो गया.. इसलिए
आंटी को भी
हैदराबाद जाना पड़ा..
पर आज भी
मैं उनके साथ
बिताए वो दिन
याद करता हूँ।
आप सबको
मेरी पहली कहानी
कैसी लगी.. इस
बारे में मुझे
मेल ज़रूर करें।