दोस्तो, मैं राज…
आज आज आपके
सामने जीवन की
एक सच्ची कहानी
पेश कर रहा
हूँ.. कि किस
तरह मैंने दुकान
वाली मस्त आंटी
की चुदाई की।
मैं एक
कंपनी में काम
करता था.. तो
मेरा आना-जाना
एक ही रास्ते
से होता था
और मैं उधर
पड़ने वाली एक
ही दुकान पर
रुक कर रोज़
सिगरेट पीता था।
वो ही
आंटी दुकान पर
होती थीं.. मैं
बहुत प्यार से
उनसे सिगरेट माँगता
था। मतलब बड़े
ही सभ्यता से
उनसे सिगरेट माँगता
था।
कई दिन
तक यूँ ही
चलता रहा। मैं
3-4 बार दिन में
उसकी दुकान पर
जाता था।
उसकी उम्र
32 साल थी और
मैं 24 साल का
हूँ। वो 32 -28-38 की
है.. उसकी गाण्ड
ग़ज़ब की दिखती
है.. क्या मस्त
माल थी..
अचानक एक दिन
वो बोली- आपसे
कुछ बात करनी
है..
मैंने- जी कहिए?
वो बोली-
अभी मोबाइल नंबर
दे दो.. बाद
में करूंगी।
मैंने बोला- मेरे
पास मोबाइल नहीं
है.. आप नंबर
दे दो.. मैं
आपको कॉल कर
लूँगा।
फिर उसने
मुझे अपना नंबर
दिया।
बाद 6 बजे करीब
में मैंने उसे
कॉल किया.. तो
बोली- हाँ.. आपको
मुझसे कुछ बात
करनी थी।
वो कुछ
हिचकिचा रही थी..
तो मैंने बोला-
हाँ आप खुल
कर बात करो..
कोई दिक्कत नहीं
है।
वो बोली-
आप क्या मुझसे
प्यार करते हो?
मैंने बोला- नहीं
तो.. आपको ऐसा
लगा क्या..?
वो बोली-
आप मुझसे इतने
प्यार से बात
करते हो.. तो
मुझे लगा कि
कहीं मुझसे प्यार
भी करते होगे।
मैंने कहा- नहीं..
मैं आपसे प्यार
नहीं करता।
वो मायूस
सी बोली- हाँ..
ठीक है.. मुझे
आप अच्छे लगे
तो मैंने आपसे
ये पूछा है।
उस वक्त
मुझे दिल में
लगा कि जब
खुद आ रही
है.. तो क्यों
न ट्राई किया
जाए।
मैं बोला-
मैं तो मजाक
कर रहा था..
दरअसल मैं आपको
बहुत चाहता हूँ
और आप भी
चाहती हैं.. तो
बता दीजिए..
वो किलकारी
भरती हुई बोली-
हाँ.. मैं भी
आपको बहुत चाहती
हूँ।
फिर मैंने
थोड़ी बात करके
कॉल काट दिया।
दूसरे दिन मैं
जब दुकान पर
गया तो वो
मुझे देख कर
मुस्कुराने लगी।
उधर उस
वक्त बहुत लोग
थे और उसका
पति भी था..
तो मैं सिगरेट
ले कर चुपचाप
ड्यूटी पर चला
गया।
फिर.. मैं जब
वापस आया तो
दुकान खाली थी..
तो मैंने उसको
मुस्कुराते हुए देखा
और सिगरेट माँगा
और पीते हुए
बोला- जी.. आप
तो बोल रही
थीं कि मुझसे
प्यार करती हैं..
मैं कैसे यकीन
कर लूँ।
वो हँस
कर बोली- मुझे
पता था.. कि
मैंने खुद तुमसे
नंबर माँगा.. तो
तुम मुझ पर
यकीन नहीं करोगे..
बोलो तुम्हें कैसे
यकीन दिलाऊँ।
मैंने बोला- मुझे
आपकी चूत देखनी
है.. अगर प्यार
करती हो.. तो
दिखा दो।
बोली- यार बड़े
फ़ास्ट हो, सीधे
निशाने पर निगाह
है..
यह कहानी
आप अन्तर्वासनास्टोरी पर पढ़
रहे हैं !
वो हँसते
हुए पीछे का
दरवाज़ा बंद करके
आई और पर्दे
के पीछे से
अपनी मैक्सी ऊपर
करके उसने मुझे
चूत दिखाई.. क्या
लग रही थी।
मेरा तो
लंड एकदम खड़ा
हो गया..
लेकिन मैंने फिर
भी शरारत करने
सोची बोला- मुझे
अच्छे से नहीं
दिख रही है..
ज़रा खोल कर
दिखाओ न?
तो वो
पेशाब करने जैसी
बैठ कर चूत
दिखाने लगी।
उसकी फूली
सी चूत पर
एक भी बाल
नहीं था। क्या
मक्खन चूत लग
रही थी.. मन
कर रहा था
कि बस अभी
चोद दूँ।
मैंने बोला- एक
बार करने दो
न..
बोली- नहीं.. अभी
कोई आ जाएगा।
मैं बोला-
तो मुझे लगता
है.. तुम मुझे
प्यार नहीं करती
हो..
वो बोली-
अरे यार.. समझा
करो.. अभी कोई
आ जाएगा। मैं
जब मौका होगा
तो खुद तुझे
बुला लूंगी।
मैंने बोला- ठीक
है रानी..
मैं अपना
खड़ा लंड पकड़
कर फिर आ
गया।
फिर दूसरे
दिन मैंने जब
दुकान पर गया।
उसने बोला-
अपना हाथ आगे
कर..
वो कुर्सी
पर बैठी थी..
मैंने अपना हाथ
आगे किया और
सड़क पर देखने
लगा कि कोई
आ तो नहीं
रहा है।
उसने मेरा
हाथ पकड़ कर
अपनी मैक्सी के
अन्दर डाल लिया
और चूत पर
उंगली करवाने लगी।
उसकी इस
हरकत पर मैं
तो डर गया..
रोड पर कोई
देख लेता तो
मेरी तो वाट
ही लग जाती..
मेरे हाथ
ने जब उसकी
चूत पर स्पर्श
किया तो मैंने
पाया कि उसकी
चूत एकदम गीली
थी।
मैं बोला-
मुझे अभी तुम्हारी
चूत की चुदाई
करनी है।
वो बोली-
अभी तेरे अंकल
खाना खाने आने
वाले हैं.. वे
कभी भी आ
सकते हैं। मैं
तुम्हें बता दूंगी..
जब ‘सब कुछ’
करना होगा।
तो मैं
बोला- तुम मुझसे
खेल रही हो
बस.. मुझे प्यार
नहीं करती।
लेकिन तभी उसका
पति आ गया
और मैं फिर
दूसरी सिगरेट लेकर
पीने लगा।
मैं थोड़ी
देर के लिए
वहाँ से दूर
चला गया।
फिर 45 मिनट बाद
उसका पति चला
गया.. तो मैंने
बोला- अभी मौका
है..
वो बोली-
ठीक है.. मेरे
राजा.. जल्दी से अन्दर
आजा.. कोई देख
न ले।
फिर धीरे
से उसने दरवाज़ा
खोला और मैं
अन्दर गया और
अन्दर जाते ही
उसको पागलों की
तरह चुम्बन करने
लगा।
वो भी
चूमने लगी और
बोली- जल्दी से
कर ले राजा..
कोई दुकान में
भी नहीं है..
और तुम मेरे
प्यार पर कभी
शक मत करना।
मैंने बोला- ठीक
है.. मेरी जान..
मैंने उसे चुम्बन
करते हुए ही
अपना हाथ उसकी
चूत में डालने
लगा।
वो ‘उफ्फ्फ..
आहह..’ करने लगी।
मैंने उसको बिस्तर
पर लिटाया और
चुम्बन करते हुए
उसके सारे कपड़े
उतारने लगा।
वो पागलों
की तरह बोले
जा रही थी-
राज राज.. जल्दी..
कोई आ जाएगा..
प्लीज.. राज..
मैं उसको
नंगा करने के
बाद जब उसकी
जाँघों से खेल
रहा था.. तो
वो पागल हुए
जा रही थी
और इधर से
उधर करवट बदल
रही थी।
मैं जब
उसकी चूत पर
चुम्बन करने लगा..
तो उसने अपनी
जाँघों से इतनी
ज़ोर से मेरा
सर दबाया कि
मुझे लगा कि
मेरी गर्दन ही
तोड़ देगी.. पर
सच में.. मज़ा
बहुत आ रहा
था।
थोड़ी देर
तक मैं चूत
चूसता और चाटता
रहा।
‘आहह.. उफ्फ.. उफ्फ्फ..
राअज्ज्ज.. मैं.. तो..ओह्ह्ह
गईई..’ वो सीत्कार
करने लगी और
उसने ज़ोर से
मेरे सर को
जाँघों में दबा
लिया।
फिर वो
मुझे नंगा करने
लगी और मेरा
लण्ड देखती ही
बोली- आज तो
मुझे सच में
सुख मिलेगा मेरे
राजा।
वो मेरे
लण्ड को पकड़
कर खेलने लगी
और चूत पर
टिका कर बोली-
राज मस्ती फिर
कभी कर लेना..
अभी कोई आ
जाएगा.. दुकान में भी
कोई नहीं है..
बस अब जल्दी
से चोद दो
मुझे..
मुझे भी
जल्दी थी।
उसने मेरा
लंड अपनी चूत
पर लगाया और
मैंने एक जोरदार
झटका लगा दिया।
मेरा पूरा लण्ड
उसकी चूत में
घुसता चला गया
और वह बोली-
आह.. क्या कर
दिया राज.. उफ़्फ़्फ़्फ़्..
आअह्ह्ह्ह.. तूने तो
फाड़ ही दी
मेरी.. प्लीज.. जल्दी कर
राज.. जोर से..
और जोर से
मुझे चोद..
कुछ देर
चुदाई करवाने के
बाद वो झड़
गई।
फिर वो
बोली- राज.. अब
बाद में कर
लेना.. बस.. अभी
कोई आ जाएगा।
मैं बोला-
आंटी.. तेरा हो
गया.. तो बस
बाद में कर
लेना.. नहीं.. मैं तो
अभी पूरा करूँगा..
मैंने उसको खड़ा
किया और दीवार
से चिपका दिया।
उसकी एक जांघ
ऊपर उठा कर
अपना लंड चूत
में डाल कर
चोदने लगा.. और
चुम्बन भी करने
लगा।
उफ़्फ़्फ़ फ़्फ़्फ़.. क्या
बताऊँ दोस्तों.. क्या
मस्त लग रहा
था.. मैं तो
जन्नत में था..
फिर कुछ
देर के बाद
मैं भी झड़
गया और फिर
उसको किस करने
के बाद कपड़े
पहन लिए और
बाहर आ गया।
जब मैं
जाने लगा.. तो
वो बोली- सच..
राज.. मैं तुझसे
बहुत प्यार करती
हूँ और आज
से ज्यादा मजा
मुझे कभी भी
नहीं आया..
मैं सिगरेट
सुलगा कर धुएं
के छल्ले उढ़ाता
हुआ वहाँ से
चला आया।
उसके बाद
मैंने 7-8 बार उसकी
चुदाई की और
दो बार गाण्ड
भी मारी.. लेकिन
वो सब बाद
में लिखूंगा।
बस ये
ही मेरी दुकान
वाली आंटी की
चूत चुदाई की
कहानी थी।