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मैनेजर की चुत चुदाई! (Manager's Pussy Fucked)

 मैं 4-5 साल से अपनी हिन्दी सेक्सी स्टोरी लिखना चाह रहा था, मगर समय नहीं मिल पा रहा था. 

मैं 30 साल का अविवाहित युवक हूँ और लखनऊ उत्तर प्रदेश में रहता हूँ. मैं एक साधरण कद काठी का 5 फुट 7 इन्च का इन्सान हूँ. फिलहाल मैं अपना व्यापार करता हूँ, यह कहानी मेरी तब शुरू हुई थी, जब मैंने 2009 में मुम्बई की एक कम्पनी में जॉब शुरू की थी.

वैसे दोस्तो, मैं लिखने के मामले में थोड़ा आलसी हूँ इसलिए कोई गलती कहानी में हो जाए तो माफ कर देना.. मगर यह सेक्स कहानी है बिल्कुल सच्ची.

 

सन 2009 में मेरी एक गर्ल फ़्रेड थी दूसरे धर्म कीऔर उसकी शादी जून में उसके भाइयों ने कर दी क्योंकि उनको मेरे और उनकी बहन के संबंधों के बारे में पता लग गया था. इस वजह से मैं दो महीने तक डिप्रेशन में चला गया. उसके बाद मैंने सोचा मैं खुद का ही नुकसान कर रहा हूँ, तो मैंने मुम्बई की एक कम्पनी में एरिया मैनेजर की जॉब ज्वाइन कर ली.

 

इस कम्पनी में मेरी रिपोर्टिंग कम्पनी की स्टेट हेड एक महिला लेती थी. उसकी उम्र 39 साल थी, और उसका नाम साराह (काल्पनिक) था. वैसे मेरी साराह से कोई मुलाकात नहीं हुई थी, मुझे तो कम्पनी के एच आर ने ज्वाइन करवाया था. चूंकि मैं सेल्स में था तो मेरी फील्ड जॉब थी और मुझे रोज की रिपोर्टिग मेल से देनी होती थी. तथा दिन में भी साराह मैम मुझे 2-3 बार फोन करके जानकारी लेती रहती थी.

 

जब दिन में साराह मैम फोन करती थी तो कभी कभी मैं उदास रहता था, तो वो पूछने लगती कि आखिर क्यों दुखी लग रहे हो.

मैं अपनी गर्लफ्रेड को भुला नहीं पा रहा था, इसलिए कभी कभी रो लेता था. आखिरकार एक दिन साराह मैम के ज्यादा पूछने पर मैंने सब बता दिया. उनके कहने पर एक दिन मैंने अपनी गर्लफ्रेड का नम्बर भी दे दिया और फोटो भी ईमेल कर दी.

 

अब जब भी साराह मैम का फोन आता तो ज्यादातर बात गर्लफ्रेंड को लेकर ही होती और वो मुझे समझाती रहती थी. मैडम को मुझे से सहानुभूति हो गई थी. साराह ने मुझे अपना पर्सनल नम्बर भी दे दिया था और बोल दिया था कि तुम मुझे कभी भी कॉल कर सकते हो.

 

आफिस से छुट्टी के बाद साराह मैम जब घर जाती थी, तो लोकल बस पर बैठ जाने के बाद मुझे काल करती थी और 40-45 मिनट मेरे से जब तक बात करती रहती थी.. जब तक उनका स्टाप नहीं आ जाता था.

 

अब वो मुझे शाम को 9 बजे के करीब 5-7 मिनट के लिए भी कॉल करती थी. जब उसके पति नहाने के लिए बाथरूम में जाते थे.

 

इतनी बातें जरूर हम दोनों में होती थीं, लेकिन अभी तक किसी ने किसी को प्रपोज नहीं किया था.

 

साराह मैम के पति सरकारी जॉब में हैं, तो वो सुबह 6 बजे ड्यूटी पर चले जाते थे. उनके जाने के बाद साराह मैम मेरे से फोन पर एक घंटा बात करती थी.

 

ऐसे ही एक दिन हम दोनों सुबह फोन पर बात कर रहे थे तो साराह मैम ने पूछा कि तुमने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स नहीं किया?

तो मैंने भी कहा- नहीं, सिर्फ फोन पर किया है.

यह सुनकर के साराह मैम हैरान होते हुए बोली- ये सब फोन पर कैसे हो सकता है.. और यदि हो सकता है तो फिर आज मेरे साथ भी कर लो, लेकिन वादा करो तुम अपनी गर्ल फ्रेड को याद करके रोओगे नहीं, मैं तुम को खुश देखना चाहती हूँ.

 

यह सुन कर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और मैंने साराह के साथ फोन सेक्स चैट शुरू कर दिया. लगभग 25-30 मिनट में मैंने साराह को इतना उत्तेजित कर दिया कि उसकी चूत पानी छोड़ चुकी थी.

साराह मैम बहुत खुश थी और हैरान भी कि फोन पर भी सेक्स किया जा सकता है.

 

अब साराह मैम जैसे ही घर से आफिस के लिए निकलती तो मुझे फोन करती और जब तक उनका आफिस नहीं आ जाता.. बात चलती रहती. ये सब छुट्टी के बाद भी चलता रहता था. अब यह सिलसिला रोज का हो गया था. फिर चार पांच महीने बाद ही मेरा कम्पनी के एम डी से मेरे कमीशन को लेकर पंगा हो गया और मैंने जॉब छोड़ दी, लेकिन साराह मैम से मेरी बात होती रही.

 

साराह मैम अब मेरे से मिलने की जिद करने लगी थीं कि तुम अब जल्दी से मुम्बई आ जाओ और मुझ से मिल कर जाओ.

लेकिन मैं हमेशा टाल जाता था.

कुछ दिन के बाद साराह मैम के पति का 10 दिन का ट्रेनिंग का प्रोग्राम लग गया तो साराह मैम ने मुझे बताया- मेरे हसबैंड दस दिन के लिए आउट ऑफ़ स्टेशन जा रहे हैं, अब मौक़ा अच्छा है, तुम आ जाओ.

 

मुझे भी लगा कि ऐसा मौक़ा बार बार नहीं मिलेगा, मैडम की चूत मिलनी तो निश्चित ही थी, मैंने भी अपने ट्रेवल एजेन्ट से कह कर स्लीपर का टिकट बुक करा दिया और तय तारीख और समय पर मेरी ट्रेन मुम्बई पहुँच गई.

 

मैं भी पहली बार ही मुम्बई गया था. साराह मैम मुझे रिसीव करने आफिस से ही सीधे रेलवे स्टेशन आ गई थी.

 

अब तक हम लोगों ने एक दूसरे को देखा तो नहीं था, मगर मोबाईल की वजह से एक दूसरे को पहचानने में कोई परेशानी नहीं हुई. स्टेशन से हमने टैक्सी ली और सीधे हम साराह मैम के घर पहुँच गए. मैं जब साराह मैम के घर पहुँचा तो उनके दोनों बच्चे कोचिंग गए थे. मगर यह बात मुझे नहीं पता थी.

 

पानी पीने के बाद मैं खड़ा था तो साराह मैम मेरे ऊपर एक दम से हमला बोलते हुए मेरे होंठों पर किस करने लगी. थोड़ा सम्भलते हुए मैंने भी साथ देना शुरू कर दिया, मगर दो मिनट के बाद ही हम दोनों अलग हो गए.

उस शाम को तो मैम के दोनों बच्चे खाना खाने के बाद सो गए लेकिन हम दोनों पूरी रात सिर्फ बातें करते रहे.. सुबह सोये.

 

अगले दिन मैम ने छुट्टी ले रखी थी. साराह के दोनों बच्चे स्कूल चले गए तो मैम किचन में कुछ बना रही थी. मैडम ने एक पतला सा होजरी का गाउन पहन रखा था वो भी ढीला ढाला सामैं गया और पीछे से उसे पकड़ लिया, मैं अपना लंड उनकी गांड की दरार में छुआ कर उनकी चूचियां पकड़ कर मसलने लगा

मैडम ने मुस्कुराते हुए पीछे देखा और बोली- बहुत बेसबरे हो रहे?

 

मैं बोला- मैडम चौदह घंटे बीत गए मुझे यहाँ आये हुआ और अभी तक कुछ नहीं हुआ, फिर भी कहती हो कि बेसबरे हो रहे हो? और कितना इम्तिहान लोगी मेरे सब्र का?

तो मैम ने एक हाथ से मेरे गाल को थपथपाते हुए कहा- तो चलो बेडरूम में चलते हैं.

 

मैं साराह को लेकर के बेडरूम में आ गया. मैंने साराह के होंठों को किस करना शुरू कर दिया. लगभग 3-4 मिनट के बाद मैंने साराह का गाउन उतार दिया और उस में से उसके 32 साइज के मम्मों को देख कर मैं हैरान था कि दो बच्चों की माँ और फिगर इतना मस्त.

 

खैर.. मैंने साराह की ब्रा भी उतार दी और मैंने उसके मम्मों पर किस करना शुरू कर दिया. दोस्तो क्या बताऊं यार साराह के चूचे पीते हुए मैं खुद को भूल गया. मैं उसके चूचे ऐसे पीने लगा जैसे मैं वर्षों का प्यासा हूँ. साराह अब सिर्फ पैंटी में थी.

 

साराह के मम्मों को चूसते चूसते मैंने अपना एक हाथ उन की पैंटी में घुसा दिया और मैडम की चूत में उंगली करने लगा. मैडम की चूत एक दम क्लीन शेव चिकनी लग रही थी, मुझे ऐसे लगा कि मेरा हाथ मक्खन पर फिसल रहा हो.

 

तभी साराह ने कहा- अपना लंड भी मुझे देखने दो ना.

तो मैंने अपना लोअर नीचे करते हुए कहा- खुद ही निकाल लो. साराह ने मेरी चड्डी नीचे सरकाते हुए मेरा लंड बाहर निकाल लिया.

मेरा लंड देख के साराह खुश हो गई और बोली कि ये तो एक दम मेरे पति जैसा ही है, उतना ही लंबा और मोटा!

 

साराह मेरे लंड को अपने नाजुक हाथ में पकड़ कर आगे पीछे करने लगी, मुझे बहुत मजा आ रहा था.

कुछ देर के बाद बाद मैंने साराह की पैंटी भी निकाल दी और साराह को बेड पर लेटा दिया. पूरी नंगी साराह मेरे सामने लेटी थी, मेरा लंड उसका चिकना बदन देख कर सलामी दे रहा था, लंड को हिलते देख मैडम ने उसे फिर अपने हाथों में पकड़ लिया और बोली- ये कुछ ज्यादा ही उतावला हो रहा है.

मैंने कहा- यार इसे अपना निशाना सामने दिख रहा है.

मैडम बोली- तो देर किस बात की है, आ जाओ!

मैंने कहा- इतनी जल्दी नहीं, अभी तो बहुत कुछ बाक़ी है.

 

फिर मैंने साराह से पूछा- घर में शहद नहीं है क्या?

तो साराह ने कहा- फ्रिज में है.. निकाल लाओ.

 

मैं रसोई में गया और शहद ले आया. मैंने थोड़ा सा शहद साराह की नाभि पर गिरा दिया और चाटने लगा. उसके बाद मम्मों और बगल में भी शहद डाल के चाटने लगा.

 

जब मैंने शहद साराह की जांघ पर और चूत के अगल बगल में डाल कर अपनी जीभ घुमाई, तो साराह का पूरा शरीर कंपकंपाने लगा. साराह उत्तेजना के मारे कुछ बोल नहीं पा रही थी.

अब मैं साराह की जांघों और चूत के अगल बगल में बड़ी तल्लीनता से चाट रहा था और साथ में मम्मों को भी दबा रहा था.

दोस्तो अब मैंने थोड़ा सा शहद सीचे मैडम की चूत की दरार के बीच में टपकाया और जैसे ही मैंने अपनी जीभ की नोक साराह की चूत में घुसाई, वैसे ही साराह की चीख निकल गई और ढेर साराह गाढ़ा चूतामृत निकल कर बाहर आ गया, जिसको मैंने शहद के साथ ही चाट लिया.

अब मैडम बेचैन हो गई, कहने लगी- बस अब बहुत खेल लिए, अब अपने शेर को मेरी गुफा में घुसा दो.

मैंने भी मैदन की तड़प को समझा और अपना शर्ट उतार दिया. लोअर और चड्डी तो मेरी पहले ही उतर चुकी थी. बनियान मैंने पहनी ही नहीं थी.

पूरा नंगा मैं पूरी नंगी लेटी मैडम के बदन के ऊपर आ गया. मेरा लंड मैडम की चूत पर दस्तक दे रहा था, मैंने कोई जल्द बाजी नहीं की, मैं आराम से मैडम के होंठ चूसने लगा, उनके मुख में अपनी जीभ घुसाने लगा. मैडम मेरी जीभ को चूसने लगी. लेकिन मैडम को चुदाने की बेचैनी हो रही थी तो वो खुद अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर लगाने लगी.

मैंने मैडम को जांघें चौड़ी करने को कहा, उन्होंने अपने पैर दायें बायें फैला कर अपनी जांघें खोल दी और मेरे लंड का निशाना अपनी चूत के छेद में सेट कर लिया. उन्होंने नीचे से अपने चूतड़ उचकाये कि लंड अंदर घुस जाए लेकिन ऐसे कैसे लंड अंदर घुस जाताजब मैंने ऊपर से एक झटका अंदर को मारा तो गीली चूत में मेरा लंड ऐसे घुस गया जैसे मक्खन में गर्म छुरी.

मैडम से मुख से निकला- उम्म्ह अहह हय ओह

बस इसके बाद साराह की चुत की दमदार चुदाई हुई लेकिन दोस्तो अब इससे ज्यादा मैं नहीं लिख सकता.. क्योंकि मेरे लंड महाराज अपने रौ में आ गए हैं और इसको शान्त करना जरूरी है.

आप सबके ईमेल सुझाव का इन्तजार करूँगा.. खास कर महिलाओं और लड़कियों के.. मेरे ईमेल पर सम्पर्क करें.


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मैडम की वासना!


 दोस्तो, मेरा नाम अक्की है, अब मैं 30 साल का हूँ। यह घटना उस समय की है.. जब मैं 18 साल का था। इस कहानी में दो पात्र हैं.. एक मैं और दूसरी मेरी टीचर नादिया।


नादिया बहुत ही सेक्सी लेडी थी.. जिसे देखते ही होश उड़ जाते थे। जब मैं स्कूल में पढ़ता था.. उस समय वो 25 साल की थीं और तब उसकी शादी एक-दो वर्ष ही हुई थी। नादिया टीचर का एक छोटा सा बच्चा भी था.. जो 8-9 महीने का था। उसका पति दुबई में जॉब करता था और उसका भारत आना-जाना बहुत कम रहता था। शायद साल में 3-4 बार के लिए विज़िट करता था।

मैं साइन्स और गणित में बहुत कमजोर था.. जिसके कारण टयूशन भी जाता था। नादिया टीचर घर पर टयूशन पढ़ाती थीं और वहाँ पढ़ने करीब 12-15 लड़के और लड़कियाँ आते थे, वो होम वर्क भी देती थीं।

क्योंकि मैं पढ़ाई में बहुत कमजोर था.. तो मैं टयूशन के बाद थोड़ी देर और रुक जाता था और वो मुझे समझा देती थीं।

अब तक मेरे को कभी कोई सेक्स की फींलिंग नहीं हुई थी.. लेकिन एक दिन ऐसा हुआ कि मैं 3-4 दिन से टयूशन नहीं गया था और जिस दिन गया था.. उस दिन टयूशन पर हॉलीडे था और कोई नहीं आया था।

मैंने दरवाजा खटखटाया.. और नादिया ने दरवाजा खोला।

नादिया टीचर- आज तो छुट्टी है… कोई नहीं आया है।

मैंने- मुझे नहीं मालूम था.. सॉरी मेम..

नादिया टीचर- चलो कुछ नहीं होता.. मैं भी बोर हो रही थी और तुम भी इतने दिनों से नहीं आए हो ना.. मैं तुमको गणित के सवाल समझा देती हूँ और तुम घर जाकर के सॉल्व कर लेना।

मैंने- ठीक है।

उसके बाद मैं उसके घर में अन्दर चला गया और नादिया बोली- अक्की तुम पढ़ाई करते रहना.. मैं थोड़ा फ्रेश होकर आती हूँ..

थोड़ी देर बाद नादिया नहा कर आई और उसने एक सफ़ेद शर्ट और स्कर्ट पहनी हुई थी जो उसके घुटनों तक की थी.. इस ड्रेस में वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी…

हम दोनों सोफे पर बैठे थे… और वो मुझको समझा रही थी … अचानक से मेरा पेन नीचे गिर गया और मैं नीचे से पेन उठा ही रहा था कि मेरे नज़र उसकी स्कर्ट के अन्दर चली गई.. वो नीचे कुछ भी नहीं पहने हुई थी..

मैं तो पहली बार किसी की चूत देख रहा था.. मैं उसे देखते ही रह गया..

नादिया ने मुझे देख लिया और वो समझ गई.. मैं क्या कर रहा था। पहले तो वो थोड़ा चिल्लाई- अक्की.. क्या कर रहे हो..!

मैंने बोला- कुछ नहीं..

वो बोली- चलो उठो और सवाल हल करो।

थोड़ी देर बाद उसका बच्चा रोने लग गया और वो वहाँ से चली गई और वो बच्चे को लेकर आई।

अब मैंने देखा कि वो अपने शर्ट के ऊपर के 2 बटन खोल कर उसके बच्चे को दूध पिला रही थी.. उसका दूध हल्का-हल्का बच्चे के मुँह से होते हुए नीचे गिर रहा था और नादिया की सफ़ेद शर्ट थोड़ी गीली हो गई थी.. जिसकी वजह से उसके मम्मे दिख रहे थे।

अब वो बच्चे को दूसरे मम्मे से दूध पिलाने लगी.. मेरा ध्यान वहीं पर था.. क्योंकि ये सब मैं पहली बार देख रहा था, मैं बहुत उत्तेजित हो गया था और मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था। मैंने शॉर्ट पहना था पर अंडरवियर नहीं पहना था और उसमें टेड़ा सा आकार आ गया था।

नादिया ने मेरे शॉर्ट को देखा और हँस कर बोली- क्या हुआ अक्की.. लगता है.. तेरा ध्यान पढ़ाई में नहीं है?

मैंने कहा- हाँ.. और मैं आपसे पूछ ही रहा था कि क्या मैं घर जा सकता हूँ?

नादिया बोली- अभी रुक जा.. बाहर बहुत बारिश हो रही है.. मैं तेरे घर फोन लगाती हूँ और तेरी मम्मी को बोलती हूँ.. तू आज रात यहीं रुक जा.. कल सुबह मैं तुझे तेरे घर छोड़ दूँगी..

मैं बहुत खुश हो गया और हम दोनों ने रात में खाना खाया और ऐसे ही बात करते रहे और टीवी देखते रहे। अब वो मेरे पास चिपक कर बैठी थी और उसकी शर्ट के ऊपर के बटन खुले हुए थे। मेरा लण्ड खड़ा था और तभी अचानक उसने धीरे के अपना हाथ मेरे 7 इंच के लण्ड पर रख कर पूछा- ये खड़ा क्यों है?

मैं बिंदास बोला- जब आप अपने बच्चे को दूध पिला रही थीं.. ये तभी से खड़ा हो गया है।

मैडम ने अपना दूध पिलाया
वो नशीली आवाज में बोली- अक्की.. क्या तुझे भी दूध पीने का मन कर रहा है..?

मैं भी उसी तरह बोला- हाँ…

वो बोली- अच्छा ठीक है..

उसने अपनी शर्ट को पूरा उतार दिया.. मैं उसे देखता ही रह गया।
हाय.. क्या मम्मे थे.. मैंने तुरंत उसके एक मम्मे को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

वो ‘आआह्ह.. आआआह्ह.. आआह्ह..’ की आवाज़ कर रही थी।

वो बोली- अक्की कैसा लग रहा है?

मैं बोला- बहुत अच्छा..

वो बोली- चल मैं तुझे और भी अच्छी चीज़ दिखाती हूँ।

वो फिर उठ गई और अन्दर जाकर आइसक्रीम लेकर आई और उसको अपने मम्मों पर लगा लिया और बोली- ले अब चूस ले अक्की.. खाजा इसे.. काट के खाजा.. मैं कब से तड़प रही हूँ.. मेरा दूध पी जा आआअहह.. आआआहह..

फिर अचानक उसने मेरे लण्ड पर आइसक्रीम डाल दी.. मुझे कुछ गुदगुदी सी लग रही थी। मैंने अपना लण्ड खुल्ला कर दिया।

इसके बाद वो फिर मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी, थोड़ी देर चूसने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा माल पी गई और मेरे लौड़े की आइसक्रीम खाने लगी।

इसके बाद हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे.. फिर वो पूरी नंगी हो गई और आईसक्रीम अपनी चूत में डाल कर बोली- अक्की इसे चाट… खा जा इसे..

मैं उसकी चूत पर गिरी हुए आइसक्रीम को चाटने लगा और उसने मजे में आँखें बंद कर लीं और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी थी- आहहह.. अहहाहह.. आआहह..

थोड़ी देर बाद जब वो झड़ने वाली थी.. उसने मेरा मुँह अपनी चूत पर ज़ोर से दबा लिया और वो झड़ गई। उसका पानी मेरे मुँह में आ गया.. मैंने उसे पी लिया.. बहुत नमकीन माल था… और टेस्टी भी था.. वो निढाल हो कर 2 मिनट तक वैसे ही पड़ी रही, फिर खड़ी हुई और मेरे लण्ड को चूसने लगी..

अब मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और वो बोली- चल अक्की.. इसको मेरे अन्दर डाल दे और मेरी प्यास बुझा दे..

मैं अपने लण्ड को उसकी चूत में डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा और थोड़ी देर बाद मैं अन्दर ही झड़ गया। हम दोनों एक-दूसरे को ज़ोर-ज़ोर से चूम रहे थे.. और वैसे ही पड़े रहे।
उस रात में मैंने उसे 2 बार और चोदा था। हम दोनों बहुत खुश थे… वो मुझसे बोली- ये बात राज़ ही रखना..

इसके बाद मैं हर दिन वहाँ टयूशन पढ़ने जाता था.. सब लोगों के चले जाने के बाद मैं वहीं पर रुक जाता था और हर दिन उसकी चुदाई करता था।

थोड़े साल बाद वो भी दुबई चली गई और हम लोग कभी नहीं मिले.. अब उसका कोई नम्बर भी मेरे पास नहीं है।

दोस्तो, कैसी लगी मेरी ये सच्ची कहानी, मुझे ईमेल जरूर कीजिएगा।
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मेरी और बुआ की पहली चुदाई (Meri Aur Bua Ki Pahli Chudai)

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम राजवीर है. मैं अभी बीस साल का हूँ, ये घटना मेरा खुद का रियल एक्सपीरियेन्स है. इस कहानी
में मेरे और मेरी बुआ के बीच चुदाई का खेल हुआ है. बुआ की अब शादी हो गई है और उनका एक बेटा भी हो गया है.
मेरी बुआ एक जबरदस्त झक्कास माल हैं.. उनके फिगर के बारे में क्या बताऊं.. एकदम कड़कड़ाती बिजली हैं. उनका 32-28-34 का फिगर देख कर हमेशा ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
चूंकि मैं डेली जिम करता हूँ, इसलिए मेरा जिस्म बड़ा ही बलिष्ठ है और लंड भी कुदरती मोटा व लम्बा है.. इसकी साइज़ साढ़े छह इंच है.
यह बात आज से चार साल पहले की है. जब मैं हाई स्कूल का पेपर खत्म करके अपने घर पर ही गर्मी की छुट्टी बिता रहा था.
मेरी बुआ मुझसे बहुत फ्रेंड्ली हैं. मेरी बुआ और मेरी चाची हमेशा एक साथ रहते थे. बुआ के साथ मेरी चाची से भी बहुत बनती थी. हम तीनों में हँसी मज़ाक होता रहता था. मेरी बुआ मेरे से दो साल बड़ी थीं. वो इतनी गोरी थीं कि लोग उन्हें घर पर सफेद बिल्ली बोलते थे. भले ही मेरी उनसे बहुत जमती थी और मैं हमेशा उनसे मज़ाक करता रहता था, लेकिन तब भी मैं उनके बारे में ग़लत नहीं सोचता था.
उनके घर के सभी लोग मुझे बहुत पसंद भी करते थे. मैं कभी कभी उनके ही घर खाना खा लेता था और वहीं मेरे अंकल के पास जो मेरे 5 साल बड़े हैं, सो जाता था.
तो इस प्रकार मेरा हँसी मज़ाक कब प्यार में बदल गया, पता ही नहीं चला. मैं उनसे रियल वाला लव करता था.
इस प्रकार दिन गुज़रते गए. बुआ के घर टीवी नहीं था, मेरे घर पर था तो वो डेली रात को डिनर के बाद मेरे घर टीवी देखने आ जाती थीं. मैं टीवी रूम में ही सोता था. सभी लोग रात में टीवी देखते तो वो उस वक्त वे मेरे बेड पर आ कर बैठ जाती थीं. रात में जब मेरे मम्मी और पापा सोने चले जाते तो मैं उनसे मज़ाक करता और कभी कभी उनको टच भी कर देता था. अब मेरा उनसे अकेले में सेक्स से रिलेटेड मज़ाक भी होने लगा था. वो हमेशा ही मुझसे बोलती थीं कि सब्जी कम खाया कर और दूध ज्यादा पिया कर.
वे ऐसा इसलिए कहती थीं क्योंकि मैं एक बार पेड़ से नीचे गिर गया था. मुझे रीड़ की हड्डी में पर चोट लग गई थी. जब वे ऐसा कहती थीं, तो मैं उनसे मजाक में कह देता था कि बुआ तुम ही अपना दूध पिला दिया करो.
मेरी इस बात पर वो बड़ी ख़तरनाक स्माइल देती थीं और बोलती थीं कि ये तुम्हारे फूफा के लिए है. तुम्हारे लिए नहीं है.
मैं बोलता था कि तो मुझे ही फूफा बना लो.
वो बस हंस कर चली जाती थीं.
ऐसे ऐसे मुझे लगा कि वो मुझसे भी प्यार करती हैं. मैं इसी तरह के मजाक के दौरान उनको इधर उधर टच भी कर लेता था. जिसका जबाव भी उनकी तरफ से मुझे टच करते हुए ही होता था.
यह मजाक उस वक्त भी हुआ करता था जब चाची भी हम दोनों के साथ होती थीं. उस वक्त मैं और चाची मिल कर उनको छेड़ कर परेशान करते रहते थे.
इन सब बातों से मुझे चुदास सी भड़कने लगी थी और अब मैं हमेशा यही सोचता था कि बुआ को कब प्रपोज करूँ.
फिर एक दिन आ ही गया. मेरे पापा के मौसा के घर पर शादी थी तो मेरे पापा, बहनें और मम्मी शादी में चली गईं. मैं नहीं गया क्योंकि उनके घर मुझे अच्छा नहीं लगता था.
अब मेरे घर पर मैं और मेरी दादी ही रह गए थे. मम्मी ने बुआ को खाना बनाने को बोला था और हमारे घर पर ही सो जाने को कहा था. क्योंकि मेरी दादी बूढ़ी थीं उनकी देखभाल के दो लोगों का होना जरूरी था.
उन सभी के जाने के बाद मैंने सोचा कि आज बुआ से बोल ही दूँगा कि मैं उनको प्यार करता हूँ.
शाम को जब वो खाना बनाने आईं तो मैं उनकी हेल्प कर रहा था और उसी समय हम दोनों बातें भी कर रहे थे. पहले तो नॉर्मल सी बातें ही हुईं कि क्या खाना है. फिर धीरे धीरे मज़ाक शुरू हो गया.
मैंने ऐसे ही पूछ लिया कि बुआ एक बात पूछूँ?
उन्होंने कहा- पूछो.
तो मैंने कहा- बुआ आप किस तरह के लड़के से शादी करोगी?
तो वे हंसने लगीं और बोलीं- मुझे तेरे जैसे लड़के से शादी करनी है, जो मेरे साथ एकदम ऐसे ही फ्रेंड्ली बिहेव करे.. और अगर मुझे गुस्सा भी आ जाए तो तेरी तरह मुझे प्यार से मना ले.
उनकी इस बात से मुझे याद आ गया कि जब भी बुआ उदास या गुस्से में होती थीं तो मैं उनसे मज़ाक करके उनको खुश कर देता था. क्योंकि मैं उनसे बहुत प्यार करता था और मैं उनको उदास नहीं देख सकता था.
बुआ के मुँह से ऐसा सुनकर मैंने उनसे कहा कि तो बुआ मुझे ही बना लो ना.
बुआ फिर से हंसने लगीं और बोलीं- तो ये सब तू बाहर की लड़कियों पर क्यूँ नहीं ट्राई करता?
मैंने बोला- बाहर की लड़कियां नखरा दिखाती हैं, इसलिए कोई पसंद नहीं आती है. मुझे भी आप जैसी ही चाहिए.. जिसकी आप जैसी सेक्सी फिगर हो और इतनी ख़तरनाक स्माइल वाली हो.
बुआ ने मुझे धौल जमाई और सेक्सी कहने के लिए मुझे थैंक्स भी बोला.
ऐसे ही बातें करते करते डिनर रेडी हो गया और वो अपने घर जाने लगीं.
मैंने बोला- आप भी यहीं पर खा लो.
उन्होंने बोला कि मैं अभी वॉशरूम जा रही हूँ, फिर आकर खाते हैं.
कुछ देर बाद वे वापस आ गईं और हम दोनों ने डिनर किया और रोज की तरह टीवी देखने लगे
चूँकि आज वो मेरे घर ही सोने वाली थीं, तो मेरे पास उनको प्रपोज करने का बहुत टाइम था. फिर हम दोनों मूवी देखने लगे. उनकी फेवरेट मूवी इमरान ख़ान की जहर आ रही थी, जिसमें इमरान हिरोइन को प्रपोज करता है.
मैंने देखा कि वो ये सीन बड़े ध्यान से देख रही थीं. इस वक्त रूम में हम और वो ही थीं. दादी भी नहीं थीं, वे अपने कमरे में थीं.
मैंने भी सही टाइम और मौका देखकर उनको प्रपोज कर दिया. फिर वो मुझे स्माइल दे कर मूवी देखने लगीं.
तभी आशिक़ बना ले वाला गाना आ गया. बुआ इस गाने को बड़े ध्यान से देख रही थीं.
मैंने फिर से बोला- आई लव यू बुआ..
वो फिर हंसने लगीं, तभी मैंने उनको किस कर दिया.. और क्योंकि गाना इतना जबरदस्त था कि वो खुद को रोक नहीं पाई. तभी वो एकदम से खुद ही मेरे ऊपर चढ़ गईं और मुझे ऐसे किस करने लगीं, जैसे वो बहुत ज्यादा प्यासी हों.
मैं भी उनके होंठों को चूसने लगा. कभी मैं उनकी जीभ को चूसता, तो कभी वो मेरी जीभ को चूसतीं. इस तरह हम एक दूसरे को चूसते रहे. लगभग बीस मिनट तक ये सब चलता रहा. फिर हम अलग हुए.
वो मुझे सेक्सी स्माइल दे रही थीं और मैं उनको.. क्योंकि दोनों का पहली बार किसी लड़के से बुआ का और किसी लड़की से मेरा स्पर्श हो रहा था. हम दोनों ही बहुत उत्तेजित हो गए थे.
तभी बुआ ने मेरा शर्ट को इतनी तेज खींचा कि वो फट गई. अब मैं सिर्फ़ बॉक्सर में था. बुआ जंगली स्माइल देने लगीं, उनके चेहरे पर वासना एकदम से झलक रही थी. उधर टीवी पर इमरान हीरोइन के कपड़े उतार रहा था, तो मैंने भी वही करना चाहा और उनकी कमीज को निकाल दिया.
अब बुआ के ऊपर का हिस्सा सिर्फ़ ब्रा में रह गया था. मैंने उनको बेड पर गिरा दिया. मैं भी उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी ब्रा को खींच कर फाड़ दी.
बस अब क्या था.. मेरे सामने उनकी एकदम सफ़ेद चूचियां थीं, जिन्हें देख कर मेरी हालत इतनी खराब हो गई कि क्या बताऊं. मैंने उनके मम्मों को चूसना चालू किया और एक एक करके दोनों मम्मों को चूसता चला गया. करीब दस मिनट तक मैं बुआ के मम्मों को चूसता रहा.
उधर मेरे लंड की हालत खराब थी, जो एकदम लोहे की रॉड की तरह टाइट हो गया था और ऊपर से ही बुआ की चूत पर रगड़ खा रहा था.
मैं उनके होंठों को चूसने लगा और उनकी चूची दबा रहा था. उन्होंने पैर से ही मेरे बॉक्सर को नीचे कर दिया और मुझे अपने ऊपर खींचने लगीं. मैंने भी उनकी सलवार का नाड़ा खींच कर तोड़ दिया और उन्हें अपनी गोद में उठा कर सलवार को नीचे कर दिया. अब वो सिर्फ़ पैंटी में थीं.
मैंने देखा कि बुआ शर्मा बिल्कुल नहीं रही थीं. बाद में उन्होंने बताया कि वो भी इसी दिन का इन्तजार कर रही थीं.
अब मैंने उन्हें चूमना शुरू किया. पहले मैंने उनके होंठों को चूसा, फिर चूची और फिर उनकी नाभि में चूसना चालू कर दिया. बुआ अपनी गांड उठा उठा कर अपनी चूत मेरे लंड से रगड़ रही थीं. वो अपनी चुत को इतनी तेज रगड़ रही थीं कि मेरा एक बार तो ऐसे ही निकल गया और वो भी पैंटी में ही झड़ गईं.
यार.. वो देखने में इतनी गोरी थीं कि उनके लाल रंग के निप्पल बड़े मस्त लग रहे थे. मैं उनके बूब्स चूसता रहा और होंठों को भी चूसता रहा.
थोड़ी देर बाद फिर मेरा लंड खड़ा हुआ तो मैंने उनकी पैंटी खींच कर फाड़ दी. जिस पर मेरा और बुआ का माल लगा हुआ था.
फिर कुछ मिनट बूब्स और होंठों को चूसने के बाद वो इतनी गर्म हो गई थीं कि उनका सफ़ेद जिस्म लाल हो गया था. उन्होंने ही मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर टिका दिया और बोलीं- प्लीज़ राज मुझे अब चोद दो.. नहीं तो मैं मर जाऊंगी.
मैं उनसे इतना प्यार करता था कि मैं उन्हें तड़फा नहीं सकता था.
मेरी नज़र उनकी चूत पर पड़ी मैंने देखा एकदम क्लीन शेव्ड और लाल हुई पड़ी थी. बुआ की चिकनी चूत देख कर ही मुझे लगा कि मेरा माल फिर से निकल जाएगा.
मैंने वैसलीन की शीशी उठा कर लंड पर लगा ली और कुछ उनकी चूत पर भी मल दी कुछ बुआ की चूत में उंगली डाल कर भी चूत की गर्मी का मजा लिया. फिर मैंने लंड उनकी चूत पर रख कर एक झटका मारा तो लंड का सुपारा अन्दर घुस गया.
उनको तेज दर्द हुआ और उनकी आँखों से आँसू आने लगे. मुझे भी दर्द हो रहा था मेरे लंड के बीच में जो ताना होता है, वो टूट गया था.
एक तो बुआ इतनी हॉट और सेक्सी थीं कि उनकी कुंवारी जवानी को सोच कर ही सारा दर्द काफूर हो गया.
मैंने देखा बुआ कुछ बोल नहीं रही थीं तो मैंने लगातार दो शॉट मारे और पूरा लंड बुआ की चूत में डाल दिया.
लंड क्या घुसा, बुआ तो रोने लगीं.. लेकिन वे आवाज़ नहीं कर रही थीं. तब भी मुझसे उनका रोना देखा नहीं जा रहा था, तो मैं थोड़ी देर उनके बूब्स चूसने लगा और दबाने लगा.
उधर बुआ की चूत की गर्मी मेरे लंड की हालत खराब कर रही थी. मैं धीरे धीरे आगे पीछे लंड करने लगा, थोड़ी देर बाद बुआ का दर्द खत्म हुआ, तो मैं और तेज रफ्तार से चोदने लगा. अब बुआ मजे से चुदवा रही थीं. उनको मस्ती सूझी तो उन्होंने मुझे गिरा कर खुद मेरे ऊपर चढ़ गईं और लंड पर उठने बैठने लगीं.
फिर 5 मिनट में ही वो थक गईं. मैंने अब उनको घोड़ी बनाया और उनको पीछे से लंड पेल कर चोदा. लगभग बीस मिनट बाद हम दोनों साथ में झड़ गए. लंड चूत के पानी निकले तो हम दोनों शिथिल हो गए.. और थोड़ा रेस्ट करने लगे.
बुआ मुझे चूमते हुए बोलीं- आई लव यू राज.. तुमने मुझे ऐसा गिफ्ट दिया है कि मैं कभी भूल नहीं सकती हूँ. तुम्हें जो चाहिए मुझे बोल देना.. मैं ख़ुशी ख़ुशी दे दूँगी.
मैंने बुआ को चुम्बन करना शुरू किया.. और थोड़ी देर में हम दोनों फिर से गर्म हो गए. इस बार मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और दीवार के सहारे लगा कर चोदा, इस तरह से चूत चुदाई करना मेरी फेवरिट पोज़िशन है.
उस रात मैंने उन्हें दो बार ही चोदा था क्योंकि इतने में ही सुबह के साढ़े चार बज गए थे. फिर हम दोनों वहीं नंगे सो गए.. क्योंकि घर पर कोई नहीं था तो कोई दिक्कत नहीं थी.
सुबह बुआ ने घर का सारा काम करके नाश्ता बनाया. उसके बाद फिर मैंने उन्हें दिन में दो बार चोदा.
रात हुई तो मैंने उनसे बोला- बुआ, मुझे आपकी गांड मारनी है.
उन्होंने कहा- तुम मेरे राजा हो, मैं तुम्हारी रानी हूँ. मेरा जिस्म आज से तुम्हारा है. तुम जो चाहे कर सकते हो. मैं अब तुम्हारी हूँ.
मैंने उनसे कहा- गांड मारने में थोड़ा दर्द हो सकता है.
बुआ बोलीं- वो तो आगे भी हुआ था.  फिर मैंने उनकी गांड भी मारी.
इस तरह पूरे चार दिन तक मैंने उन्हें जम कर दिन रात चोदा. ये सिलसिला चार साल तक चला. मुझे जब भी मौका और टाइम मिलता था तो मैं बुआ को हचक कर चोदता था.
अब उनकी शादी हो गयी है. उनको एक बेटा है, जो कि मेरा ही है. उनका पति उन्हें सही से नहीं चोदता है, इसलिए वो जब भी घर आती हैं तो मैं ही उन्हें चोद कर संतुष्ट करता हूँ.
आज अपनी बुआ की चुदाई की कहानी लिखते समय मैं अब तक उनके नाम की तीन बार मुठ मार चुका हूँ. मैं वाकयी अपनी बुआ को बहुत प्यार करता हूँ. मैं अभी ग्रेजुयेशन कर रहा हूँ. मुझे बहुत सारी लड़कियां चुदाई के लिए मिल सकती हैं लेकिन मैं सिर्फ अपनी बुआ को चोद कर ही मस्त हूँ. मैंने इसीलिए अभी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं बनाई है.
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